क्षतिपूर्ति कब मिलती है?
मुआवजा तीन तरीकों से मिल सकता हैः
- दोषी करार व्यक्ति सेः-
- यदि अभियुक्त को दोषी करार दिया जाए, न्यायालय आपके हुए नुकसान के लिए मुआवजा दे सकता है। यह राशि दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा न्यायालय के समक्ष भरे गए जुर्माने/अर्थदण्ड से आएगी। यदि उसे अर्थदण्ड से दण्डित नहीं किया गया है, न्यायालय फिर भी दोषी द्वारा आपको मुआवजा राशि देने का आदेश दे सकता है। तथापि यह तब दिया जाएगा जब सम्पूर्ण अपीलों का उच्चतर न्यायालय द्वारा निस्तारण किया जा चुका हो।
- सरकार की ओर सेः-
- उपरोक्त के अतिरिक्त विधि कहती है कि हर राज्य सरकार को पीड़ित की क्षतिपूर्ति के लिए योजना उत्पन्न करनी होगी। यह एक सूची है जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा सम्पूर्ण पीड़ित क्षतिपूर्ति योजनाओं का उल्लेख है। यह मुआवजा आरोपी के दोषमुक्त होने के बावजूद मिल सकता है।
- विशेष मामलों मेंः-
- कुछ मामलों में न्यायालय सीधे ही क्षतिपूर्ति का आदेश देता हैं, क्योंकि इसके पास इस बाबत् विस्तृत शक्तियॉं हैं। जैसे कि वे सभी मामले जिनमें घरेलू कर्मी अथवा ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें श्रम करने पर विवश किया गया हो। कुछ कानून जैसे वाहन दुर्घटना एवं जाति आधारित अत्याचार में भी पीड़ित को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान देना अनिवार्य है। इसके लिए इन कानून में विशेष प्रावधान है।
कितनी क्षतिपूर्ति देय है?
यदि न्यायालय दोषसिद्ध व्यक्ति द्वारा मुआवजा भरने का आदेश करे, वह दो चीजों का ध्यान रखेगाः-
- नुकसान की मात्रा जो आपने भुगता है।
- दोषसिद्ध व्यक्ति की भुगतान करने की आर्थिक क्षमता I
यदि सरकार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान कर रही है तो इसके द्वारा विभिन्न अपराधों के लिए विभिन्न अधिकतम राशि निर्धारित कर इस बाबत् घोषणा की जा चुकी हो। कुछ निश्चित अपराधों जैसे बलात्कार, एसिड हमलों, मौत या विकलांगता में विभिन्न राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि बहुत अलग होती थी। अब केन्द्रीय सरकार द्वारा एक न्यूनतम राशि निर्धारित की गई है। राज्यों को पीड़ित मुआवजा से संबंधी केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए इस निर्धारित न्यूनतम राशि की पालना करनी होगी।
यह लेख न्याय द्वारा लिखा गया है. न्याय भारत का पहला निःशुल्क ऑनलाइन संसाधन राज्य और केन्द्रीय क़ानून के लिए. समझिये सरल भाषा मैं I