अपराध के प्रकार – आरोपी के दृष्टिकोण से

1. भारत में किस प्रकार के अपराध है?

मोटे तौर पर भारत में अपराध इस तरह वर्गीकृत हैः-

संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध-

  • संज्ञेय अपराध सामान्यतः गंभीर होते है जिनमें पुलिस को तुरन्त कार्य करना होता है।
  • असंज्ञेय अपराध की प्रकृति सामान्यतः निजी दोष (विवाह अथवा व्यक्तिगत प्रतिष्ठा अपराध) होती है अथवा अन्य अपराध जिनमें पुलिस का हस्तक्षेप वांछनीय नहीं हैं।

जमानत योग्य अथवा जमानत अयोग्य अपराध

  • अजमानतीय अपराध आम तौर पर गंभीर अपराध होते है जिनमें तीन वर्ष से अधिक से के कारावास का प्रावधान होता है।
  • जमानतीय अपराध सामान्यतः कम गंभीर होते है एवम् कारावास भी कम होता है।

यह अपराध का सिर्फ सतही, मोटे तौर का विवरण है एवम् इसमें बहुत सी विविधताए एवम् अपवाद है। आपको अपने अधिवक्ता अथवा पुलिस से अपराध (जिससे आप आरोपित है) की प्रकृति का पता लगाने का प्रयास करना चाहिए। दण्ड प्रक्रिया की विधि हर अपराध इन श्रेणीयो में वर्गीकृत करती है।

संज्ञेय अपराध आप बिना मेजिस्ट्रेट के वारंट के गिरफ्तार किये जा सकते है।
  पुलिस बिना मेजिस्ट्रेट की आज्ञा अनुसंधान प्रारम्भ कर सकती है।
असंज्ञेय अपराध आप सिर्फ वारंट द्वारा गिरफ्तार हो सकते है।
  मेजिस्ट्रेट से आज्ञा लेने के पश्चात् ही पुलिस अनुसंधान प्रारम्भ कर सकती है।
जमानती अपराध जमानत एक अधिकार है।
  जैसे ही आप जमानत प्रस्तुत करते है, पुलिस को जमानत लेना अनिवार्य है।
गैर जमानती अपराध जमानत अधिकार नहीं है।(वह ली या नही ली जा सकेगीं)
  जमानत स्वीकार करने का निर्णय न्यायाधीश का होगा।

2. क्या पुलिस ने एक ही घटना के लिए आप पर एक अपराध से अधिक का आक्षेप लगाया है?

आपको जिन अपराधों से आरोपित किया गया है, यदि उनमें से एक भी संज्ञेय अपराध है, तो पूरे मामले को एक संज्ञेय केस की तरह माना जायेगा।

3. मुझे कैसे पता अपराध किस श्रेणी मे पड़ता है?

भारत मे अपराध का वर्णन करने वाला सामान्य कानून है भारतीय दण्ड संहिता, 1860। तथापि, विशिष्ट अपराधों के लिए अन्य कानूनन भी है। (चैक/ अनादरण, मादक पदार्थ का सेवन एवं तस्करी, भ्रष्टाचार इत्यादि) यदि कोई अन्य कानून अपराध की प्रकृति का वर्णन नही करता है, अपराध की प्रकृति समझने के लिए निम्नलिखित सामान्य नियम उपयोग में ले।

यदि अपराध के लिए मृत्यु दण्ड की सजा दी जा सकती है अथवा कारावास तीन वर्ष से अधिक है। संज्ञेय गैर जमानती
यदि अपराध में सर्वाधिक कारावास तीन वर्ष से कम है। असंज्ञेय जमानती

कृपया देखेः- वह विशिष्ट कानून जो इस अपराध संबंधी दण्ड का प्रावधान रखता है वह उपरोक्त नियम में अपवाद भी ला सकता है। उदाहरण के लिए, तीन वर्ष से कम कारावास वाला अपराध भी संज्ञेय बनाया जा सकता है।

 

यह लेख न्याय द्वारा लिखा गया है. न्याय भारत का पहला निःशुल्क ऑनलाइन संसाधन राज्य और केन्द्रीय क़ानून के लिए. समझिये सरल भाषा मैं I